गोलघर पटना (Golghar Patna )

दोस्तों आज मैं आपको गोलघर पटना के बारे में बताने जा रहा हूं

पटना शहर में स्थित गोलघर एक आकर्षक वस्तु कला है। इसे 1786 में कैप्टन जॉन गरस्टिन ने बनवाया था।अपने शांतिपूर्ण स्थान और  प्राकृतिक वातावरण के कारण गोलघर शहर के स्थानों में से एक है।

यह पटना के गांधी मैदान के पास स्थित है। गोलघर नाम से ही आपको पता चलता है कि गोल होगा । यह चारों तरफ से गोल है इसके ऊपरी छोर पर जाने के लिए सीढ़ी बनी हुई है।
सीढ़ी को देखने से ऐसा लगता है कि जैसे कोई साप चारों तरफ से लिपटा हुआ है।


यदि आप गोलघर के सबसे ऊपरी सिरे पर है तो वहां पर आप पूरे पटना को देख सकते हैं। ऊपर चढ़ने के बाद आपको ऐसा महसूस होगा कि आप आसमान से पटना को देख रहे हैं। 
यहां हरे-भरे बगीचे के बीच में उठते हुए गोलघर की स्तूप आकार संरचना मन को मोह लेती है।गोल घर पर ऊपर चढ़ने के लिए 145 सीढ़ी बना हुआ है। 
यहां पर शाम में लाइट शो और साउंड शो किया जाता है। यहां पर आप पिकनिक मनाने भी जा सकते हैं। मैं आपको एक बात बता दूं कि मुझे वहां सबसे अच्छा क्या लगा? मुझे वहां सबसे अच्छा है तब लगा जब मैं गोलघर के सबसे ऊपरी सिरे पर था वहां पर शीतल हवा जो मन को मोह रही थी। शीतल हवा चलने का कारण बगल में गंगा जी और चारों तरफ से पेड़ पौधे से गरे हुए होने के कारण है । 
धन्यवाद। 

Translation in English 

Friends , today I am going to tell you about Golghar Patna
 Golghar in Patna city is an attractive art.  It was built by Captain John Garstin in 1786. Golghar is one of the places in the city due to its peaceful location and natural environment.

 It is located near Gandhi Maidan in Patna.  The name Golghar itself tells you that there will be a goal.  It is round from all four sides and there is a ladder to go to its top.
 Looking at the ladder, it is as if a snake is wrapped around it.


 If you are at the top end of Golghar, then you can see the whole Patna there.  After climbing up, you will feel like you are looking at Patna from the sky.
 The stupa-shaped structure of the Golghar, rising in the middle of the lush green garden here, captivates the mind. There are 145 ladders to climb up to the house.

 Light shows and sound shows are done here in the evening.  You can also go for a picnic here.  Let me tell you one thing that I liked best there?  I felt best there when I was at the top end of Golghar where there was a cold.

The reason for the cold air moving is due to Ganga river being surrounded by trees and plants surrounded by plants.

Thank you.

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